New Delhi: इस पूरे कोरोना काल में विश्विद्यालय परीक्षा चर्चा का विषय है. हमेशा अटकलें लगते रहती है. इसी बीच यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया. देश भर के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर परीक्षा करवाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने विश्विद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को बुधवार तक लिखित जवाब देने के लिए कहा है. शुक्रवार, 31 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई होगी. याचिकाओं में छात्रों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के मद्देनजर परीक्षा आयोजित न करने की दरख्वास्त की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर विभिन्न याचिकाओं में 6 जुलाई को यूजीसी द्वारा जारी उस गाइडलाइन को चुनौती दी गई है, जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालयों से 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर लेने के लिए कहा गया है. प्रणीत समेत देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 31 छात्रों, कानून के छात्र यश दुबे, शिवसेना की युवा इकाई युवा सेना के नेता आदित्य ठाकरे और और छात्र कृष्णा वाघमारे ने याचिकाएं दाखिल की हैं.
इन याचिकाओं में देश में फैली कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण का हवाला दिया गया है. मांग की गई है कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने CBSE के मामले में अब तक आयोजित हो चुकी परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के औसत के आधार पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया था, वैसा ही इस मामले में भी किया जाए.
जजों ने वकीलों को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करके फैसला ले लिया जाएगा. कोर्ट ने यूजीसी से बुधवार तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अगर चाहें तो गुरुवार शाम तक यूजीसी के हलफनामे पर अपनी तरफ से जवाब दे सकते हैं. शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी.
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