कोरोना काल में बिहार का हाल बेहाल है. जिन मरीजों को बचाया जा सकता था वो भी कुव्यवस्था के कारण काल के गाल में समा जा रहे है. सिस्टम सिर्फ फेल ही नहीं है बल्कि अब आपदा को अवसर में बदल घूसखोरी और जालसाजी का गंदा खेल भी खेल रहा है. लोगों के मजबूरियों का मज़ाक बनाया जा रहा है.
कल जनाधिकार पार्टी के सुप्रीमों पप्पू यादव के फेसबुक पेज पर एक पीड़ित परिजन का वीडियो सामने आया. जिसमें परिजन कह रहे है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद संजय जायसवाल के कहने पर भी सही ढंग से इलाज नहीं किया गया. मरीज के परिजन से ऑक्सीजन हर 15 मिनट पर बंद कर 500-500 रुपए की मांग की जा ही थी और इलाज के लिए भी 50,000 रुपए की मांग की गयी.
बात सिर्फ यही तक नहीं रुकी, जब कुव्यवस्था के कारण इनकी मौत हो गयी. तब उनके उंगली से सोने की अंगूठी भी निकाल ली गयी. इंसान इतना गिर सकता है. सिस्टम इतना बेबस और लाचार हो सकता है यह बिहार में स्प्ष्ट तौर पर देखने को मिल रहा है.
✍️सिंह आदर्श
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बात सिर्फ यही तक नहीं रुकी, जब कुव्यवस्था के कारण इनकी मौत हो गयी. तब उनके उंगली से सोने की अंगूठी भी निकाल ली गयी. इंसान इतना गिर सकता है. सिस्टम इतना बेबस और लाचार हो सकता है यह बिहार में स्प्ष्ट तौर पर देखने को मिल रहा है.
पप्पू यादव के सामने दहाड़ मार कर रोने लगा मृतक का पुत्र
परिजन पहले से ही रो-रो कर पूर्व सांसद को आपबीती सुना रहे थे. इसी बीच पप्पू यादव ने मदद के तौर पर कुछ रुपया उनके और बढ़ाया. पर मृतक के पुत्र ने पैसा लेने से साफ इनकार कर दिया. यादव ने कहा मैं पिता की तरह ये पैसे आपको दे रहा हूँ. इस बात पर मृतक का पुत्र दहाड़ मार के रोने लगा.✍️सिंह आदर्श
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