क्राइम और सेक्स जैसे वेब सीरीज के बीच अमेज़न प्राइम वीडियो पे आई बंदिश बैंडिट्स ने वेब शो को लेकर लोगों के ऊबते हुए मन को फिर से जीवित कर दिया। बंदिश बैंडिट्स शास्त्रीय और पॉप संगीत के बीच पनप रहे राधे और तमन्ना के बीच मोहब्बत की कहानी है।
राधे (ऋत्विक भौमिक) के दादा पंडित राधेमोहन राठौड़ (नसरुद्दीन शाह) एक जाने माने गायक और अनुशासित व्यक्ति हैं। जिन्हें संगीत से कोई समझौता स्वीकार नहीं है। उनका पोता राधे उन्हें किसी भी तरह अपनी गायकी से खुश करना चाहता है और उनका उत्तराधिकारी बनना चाहता है। लेकिन उसके पिता राजेन्द्र (राजेश तैलंग) उसे महल में क्लर्क के काम के लिये भेजते हैं। क्योंकि घर को भी चलाना था। दूसरी ओर पॉप सिंगर तमन्ना (श्रेया चौधरी) जिसके गाने को लोगों ने नामंजूर कर दिया और म्यूजिक कंपनी उससे की हुई करार को खत्म करने के बारे में सोचने लगती है। तभी वो जोधपुर का रुख करती है। और इत्तेफाक से उसकी मुलाकात राधे से होती है। और तमन्ना उसकी गायकी की मुरीद हो जाती है। और वो पॉप और शास्त्रीय संगीत का मिश्रण तैयार करना चाहती है। लेकिन राधे अपने घर के बंदिशो में बंधा होता है। लेकिन वो अपने प्यार को भी नहीं खोना चाहता है।
रिव्यु
नसरुद्दीन शाह पंडित राधे मोहन राठौड़ की अनुशासित भूमिका में खुल कर सामने आए हैं। ऋत्विक भौमिक और श्रेया चौधरी भी अपने किरदार का अहसास दर्शकों के मन में भर जाते हैं और बिकुल फ्रेश नजर आते हैं। इसमें अतुल कुलकर्णी माहिर गायक के रूप में प्रतीत होते हैं। त्रिधा चौधरी की भूमिका भले ही छोटी है लेकिन उन्होंने उस छोटी भूमिका को सहज ढंग से निभाती नजर आती हैं। शंकर महादेवन, एहसान नूरानी और लोय मेंडोंसा ने पहली बार डिजिटल डेब्यू किया है और उनके संगीत ने इसमें एक दिलकश अहसास पैदा किया है। लेखनी थोड़ी सी शांत नजर आयी है। लेकिन आनन्द तिवारी ने अच्छे से फिल्माया है जोधपुर के दृश्य भी मन को मोहते हैं। राजस्थानी ठाट बाट और राजघराने की चमक देखने को मिली है।
📝 सूर्याकांत शर्मा
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