Ram Mandir: अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण का आधारशिला रखा जाएगा. पांच अगस्त का दिन भूमि पूजन के लिए बहुत ही शुभ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदगी में अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन संपन्न होगा. पूजन के लिए 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकेंड का मुहूर्त तय किया गया है.
धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल है जो भूमि के कारक ग्रह है. इस नक्षत्र में भूमि पूजन कार्यक्रम का आरंभ होगा. वसु इस नक्षत्र के देवता है, जो भगवान विष्णु और इंद्र के रक्षक है. इसलिए यह समय भूमि पूजन के शुभारंभ के लिए शुभ माना जा रहा है. 27 नक्षत्रों में से धनिष्ठा को 23वा नक्षत्र माना जाता है. कुछ ज्योतिषी इसका भगवान शिव और कृष्णा से भी सम्बंध मानते है.
✍️सिंह आदर्श
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा के अनुसार यह दिन सबसे शुभ मुहूर्त है. अभिजीत मुहूर्त में ही भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और इसी मुहूर्त में भूमि पूजन होना एक सुंदर संयोग है. पंडित जी ने बताया कि भूमि पूजन का आरंभ धनिष्ठा नक्षत्र और समापन शतभिषा नक्षत्र में होगा.
रामचरित मानस राम के जन्म और मुहूर्त के बारे में लिखा हुआ है - नवमी तिथि मधुमास पुनिता, शुक्ल पक्ष अभिजीत हरिप्रीता. भूमि पूजन के शुभ कार्यक्रम का समापन शतभिषा नक्षत्र में होगा. इस नक्षत्र के बारे में ज्योतिषी शास्त्र में वर्णन है कि यह 100 अभिलाषाओं को पूर्ण करता है. शतभिषा नक्षत्र में भूमि पूजन का समापन होना इसकी शुभता को दर्शाता है और मंदिर निर्माण के सफल होने की गवाही देता है.वैभवकारी है अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन होना वैभवकारी साबित होगा. इस मुहूर्त में जो भी कार्य शुरू किया जाता है, उसमे सफलता शत प्रतिशत मिलती है. 15 मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त आठवें नंम्बर पर आता है और बहुत ही फलदायी होता है. ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि अभिजीत नक्षत्र सभी कार्यो के लिए शुभ होता है. अभिजीत के समय बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है. साथ ही 5 अगस्त को भाद्रपक्ष महीने में सिंह राशि में सूर्य रहेंगे जिससे यह मुहूर्त और शुभ एवं फलदायी हो जाएगा.
धनिष्ठा नक्षत्र का भूमि से है सम्बंध
धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल है जो भूमि के कारक ग्रह है. इस नक्षत्र में भूमि पूजन कार्यक्रम का आरंभ होगा. वसु इस नक्षत्र के देवता है, जो भगवान विष्णु और इंद्र के रक्षक है. इसलिए यह समय भूमि पूजन के शुभारंभ के लिए शुभ माना जा रहा है. 27 नक्षत्रों में से धनिष्ठा को 23वा नक्षत्र माना जाता है. कुछ ज्योतिषी इसका भगवान शिव और कृष्णा से भी सम्बंध मानते है.✍️सिंह आदर्श
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