Fake news: दो मिनट की मैगी और कुरकुरे के युग में हम सब भी बहुत फास्ट हो गए है,देश में,दुनिया में, कुछ भी घटता है तो चंद मिनटों में हम सब तक पहुँच जाता है और कई बार ये बहुत घातक साबित होता है,जब हमारे पास वो खबरें पहुँचती है जो कही घटी ही नहीं है,जिसे फेक न्यूज़ बोलतें है।
फेक न्यूज़ फैलना लाज़मी है,क्योंकि हम सब जिस पर सबसे ज्यादा भरोसा करते है, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के मोटे-मोटे पिलर, वो लोग ही ऐसे भ्रामक खबरें हम सबको पड़ोसते हैं,और हम सब भेड़ियो की तरह करने लगते है, मिडिया वाले एक बार हुआँ बोलता हैं और हम सब बिना सोचे समझे हुआँ हुआँ करने लगते हैं।
हम सब ने ये कभी सोचा ही नही आखिर क्यों फैल जाता है ये फेक न्यूज़ ?
ये सब फैलने का मुख्य कारण है की वो प्रथम आना चाहते है,वो ये साबित करना चाहते है की सबसे पहले उनतक ये सामचार पहुँचा और वो हम सब तक बेच रहे है इसको,चाहे सामचार सही हो, गलत हो उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है,वो बस पॉइंट ऑफ़ अट्रैक्शन होना चाहते है,और इस चक्कर में वो ये गलती कर बैठते है,और इस तेजी के चक्कर में वो खबरो के तह तक नहीं पहुँचते,उन्हे बस ब्रेकिंग न्यूज़ चाहिए, टीआरपी चाहिए,लेकिन वो सबसे ज्यादा गलती यही कर बैठते है,सामाचार को सनसनीखेज खुलासा खबर नहीं बल्कि उसे अच्छी तरह जानकर सोच समझ कर और बिना MDH मसाला के साथ दिया जाये।
लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि वो जबतक इतना परताल करेंगे तबतक खबरें बासी हो जाएगी,और तब तक कोई और चैनल ,कोई और न्यूज़ पोर्टल, कोई और पत्रकार बाजी मार लेगा,और वो दूरदर्शन समाचार के तरह कभी हाईलाईट नही हो पाएंगे और वो इसी ताज़ा देने चक्कर मे हमें कच्चा और अधजला सामचार पड़ोस कर दे रहे है।
वास्तव में वो पत्रकारिता नहीं कर रहे है,उन्हे खबरों से कोई मतलब नहीं होता उन्हें बस पब्लिसिटी स्टंट चाहिए, उन्हे फॉलोअर्स चाहिए होता है,उन्हें किसी के मरने से दुख नही होता है, वो दिल से श्रद्धांजलि नही देते है,वो बस ये बताना चाहते है की ये खबर सबसे पहले मुझे मालुम हुआ है,और मैने सबको बताया है,वो खुद में गौरवान्वित महसूस करते है,चाहे वो इसके लिए किसी जिन्दा आदमी को भी मरने की खबर फैला के ये सब कर ले।
तो इस परिस्थिति में हमे क्या करना चाहिए ?
मुझे लगता है हमसब को इस सोशल मीडिया के जमाने में जरा संभलना चाहिए ,सोचना चाहिए,धैर्य रखना चाहिए,इस 5G और बुलेट ट्रेन के युग में भी थोरा स्लो होना चाहिए, अगर कोई घटना घट गई होगी तो देर सबेर हम सबको मालुम हो ही जाएगी । इसलिए बिना सच जाने किसी खबर को फैलाने से बचे,आगे से हम सब ये ख्याल रखेंगे की हमें फास्ट नहीं जानना है ,फैक्ट जानना है।
✍️अर्हत
पटना कॉलेज
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपना सुझाव यहाँ लिखे