पटना म्यूजियम के विस्तार का काम शुरू हो गया। दो वर्षों में पटना म्यूजियम और भव्य दिखेगा। इसके विस्तार में 158 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है।
पटना म्यूजियम में ये नये बदलाव होंगे
पटना म्यूजियम के एक हिस्से में स्कल्पचर गार्डन बनाया जाएगा इस गार्डेन में 600 से 700 मूर्तियाँ होंगी। म्यूजियम में रखी मूर्तियां जो अभी प्रदर्शित नहीं की गई है। उसे इस गार्डेन में रखा जाएगा। उतर -दक्षिण और पक्षिम में लगे सभी पेड़ को वन विभाग द्वारा कहीं ओर स्थानांतरित किया जाएगा।
पटना संग्रहालय का इतिहास
पटना संग्रहालय का निर्माण अंग्रेजी शासन के वक्त 1929 में हुआ। इसका निर्माण ऐतिहासिक वस्तुओं को संग्रहित करने के लिए किया गया। यह संग्रहालय मुगल और राजपूत वास्तुशैली में निर्मित है। इसे बिहार के बौद्धिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन भारत काल से 1764 तक कि ऐतिहासिक वस्तुओं को बिहार म्यूजियम में रखा गया है और 1764 के बाद कि ऐतिहासिक वस्तुओं को पटना संग्रहालय में रखा जाता है।
रखी हुई हैं दुर्लभ वस्तुएँ
यहाँ दुर्लभ प्राचीन चित्रों,सिक्कों,पत्थर,खनिज,तोप और शीशों की कलाकृतियाँ रखी गई है। भगवान बुद्ध की दुर्लभ अस्थि अवशेष वाली कलश मंजूषा है। यहाँ बहुत पुराने चीड़ के पेड़ का जीवाश्म रखा हुआ है। 2300 साल पुरानी दीदारगंज यक्षी मूर्तिकला को भी सुरक्षित रखा गया है।
✍🏻सूर्याकांत शर्मा
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