स्वच्छता का सर्वोच्च मानक 'ब्लू फ्लैग' सर्टिफिकेशन से देश के आठ समुद्री तटों को सम्मानित किया गया। पर्यावरण मंत्रालय ने 11 अक्टूबर 2020 को इस बात की जानकारी दी। इस सम्मान के मिलते ही भारत दुनिया के उन 50 देशों में शामिल हो गया। जिनके पास ब्लू फ्लैग दर्जा प्राप्त समुद्री तट मौजूद है।
पहला देश बना भारत जिसके 8 तटों को एक साथ यह सम्मान मिला
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने दावा किया है कि दुनिया के किसी भी देश के 8 समुद्री तटों को एक साथ यह सम्मान नहीं मिला है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने ब्लू फ्लैग मिलने को देश के लिए गर्व का क्षण बताया है। उन्होंने दावा किया है कि भारत एशिया पैसेफिक क्षेत्र में महज 2 साल के अंदर ब्लू फ्लैग पाने वाला पहला देश है।
13 समुद्री तटों में से 8 के नाम को भेजा गया था
वर्ष 2018 में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा देश के 13 समुद्री तटों को चिन्हित किया गया था। जिसमें से 8 तटों के नाम 18 सितम्बर को भेजे गए थे। और ये तट ब्लू फ्लैग मानकों के अनुरूप पाए गये।
देश के इन समुद्री तटों को मिला ब्लू फ्लैग सम्मान
घोघाला बीच(दीव),राधानगर बीच(अंडमान और निकोबार द्वीप समूह),कप्पड़ बीच(केरल),गोल्डन बीच(ओडिशा),पदुबिदरी और कासरकोड बीच(कर्नाटक),शिवराजपुर बीच(गुजरात) और रुशीकोंडा बीच(आंध्र प्रदेश)।
ब्लू फ्लैग कार्यक्रम को डेनमार्क के 'फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन के द्वारा संचालित किया जाता है। जिसे विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त ईको लेबल में से एक माना जाता है। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार देश के 5 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित 8 समुद्री तटों को एक इंटरनेशनल ज्यूरी द्वारा ब्लू फ्लैग के लिए चुना गया। इसमें संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE),संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNTWO) और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के सदस्य इस ज्यूरी का हिस्सा थे।
एशिया का चौथा देश बना भारत
भारत ब्लू फ्लैग दर्जा प्राप्त समुद्री तटों वाला एशिया का चौथा देश बना। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार एशिया में इससे पहले तक दक्षिण कोरिया, जापान और यूएई के समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग का दर्जा प्राप्त है।
ब्लू फ्लैग मिलने के मानक और लाभ
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट के लिए कुछ प्रमुख मानक जैसे कचड़े का निपटारण की सुविधा उपलब्ध होना,पानी की गुणवत्ता,प्राइमरी मेडिकल इक्विपमेंट की उपलब्धता,जानवरों को तटों पर आना प्रतिबंधित हो और पर्यावरण प्रबंधन व संरक्षण की सुविधा उपलब्ध जैसे कुल 33 मानक हैं।
जब किसी समुद्री तट को यह सर्टिफिकेट मिलता है तो उस समुद्र तट को दुनिया का सबसे स्वच्छ समुद्री तटों में से एक माना जाता है। जिससे पर्यटक आकर्षित होते हैं और उस जगह आना पसंद करते हैं। खास तौर पर फॉरेनर टूरिस्ट किसी भी समुद्री तटों पे जाने से पहले ब्लू फ्लैग मानक को देखते हैं। और इन तटों के मानक भी अंतराष्ट्रीय स्तर के हो जाएंगे।
फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन(FEE)
फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट की स्थापना वर्ष 1985 में फ्रांस में की गई थी।
इसने 1987 में कार्य प्रारंभ किया। इसने 4664 समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग का दर्जा दिया है। सबसे ज्यादा स्पेन 566 जो पहले स्थान, ग्रीस 515 दूसरे स्थान और फ्रांस 395 तीसरे स्थान पर हैं। जिनके समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट प्राप्त है।
✍️✍️ सूर्याकांत शर्मा ✍️✍️
बहुत ही अदभुत,सौंदर्य।
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