मुंगेर: बिहार के मुंगेर में माँ दुर्गा के मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। लोगों ने दोषियों के खिलाफ सरकार और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने आक्रमक रूख अपनाते हुए। एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में तोड़-फोड़ की इसके साथ लोगों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और थाने पर पथराव भी किया।
इस घटना के बाद वहाँ की स्थिति जो लगभग सामान्य लग रही थी। वो एक बार फिर असमान्य हो गई है। उस इलाके में स्थित तनावपूर्ण है। इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने वहाँ की एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को पद से हटा दिया है। इसी के साथ डिविजनल कमिश्नर असंगबा चुबा आओ को इस मामले की जांच सात दिन में करने के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला ?
चुनाव को लेकर प्रशासन के तरफ से दुर्गा प्रतिमा को 26अक्टूबर की शाम तक विसर्जित कर लेने का आदेश दिया गया था। जब 26 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस की पूजा समितियों से जल्द से जल्द विसर्जित करने की बात पर प्रशासन और पूजा समितियों में विवाद हो गया और पथरबाजी और गोली बारी शुरू हो गई। जिसमें एक युवक की मौत और कई लोग घायल हो गए थे।
शहर में सबसे पहले बड़ी दुर्गा के विसर्जन करने की मान्यता है। उसके बाद ही शहर के बाकी प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है। बड़ी दुर्गा को 32 लोग कंधे पे उठा कर विसर्जन के लिए ले जाते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही थी। इसे लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है। विपक्ष ने वर्तमान सरकार को घेरा है। राजद से सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी को जनरल डायर बताया वहीं एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री की तुलना जनरल डायर से की है। विपक्ष के तरफ से इस मामले को राजनीति मुद्दा बनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है।
इस मामले का असर पहले चरण के मतदान में भी देखने को मिला मुंगेर में 47 से 48 प्रतिशत मतदान हुआ जबकी इसी के पड़ोसी जिले भागलपुर, लखीसराय,जमुई में इससे औसतन आठ से दस फीसदी मतदान किया गया है।
✍️सूर्याकांत शर्मा
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