2020 रक्षा क्षेत्र के लिए विविधता और चुनौतियों का साल रहा। भारतीय सेना ने आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया। और चीनी सेना को सबक सिखाया।
धारा 370 हटाने के बाद कई मुश्किल भरे हालात उत्पन्न हो गई। पाकिस्तान आतंकियों को भारत में भेजने को तैयार बैठा था इधर घरेलू स्तर पर आतंकियों की भर्ती में वृद्धि होने लगी थी। वहीं संघर्ष विराम के मामले भी बढ़े।
चीन को उसी के भाषा में दिया जवाब
गलवान घाटी में 15 जून की रात में भारतीय सेना और चीनी सेना आपस में भिड़े। जिसमें कर्नल समेत 20 जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी। हालांकि चीनी खेमें में खाफी ज्यादा नुकसान हुआ। चीन और भारत के सीमा विवाद काफी वक्तों से चलता आ रहा है। लेकिन इस बार बात गोलियों तक पहुंच गई। कई कमांडर और डिप्लोमैटिक लेवल पर इस विवाद को सुलझाने की बातें हुईं लेकिन सब असफल साबित हुई, अभी भी ये वार्ता जारी है। लेकिन भारतीय जवानों ने चीन के अतिक्रमण के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। अभी भी पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारतीय और चीनी सेना आमने-सामने हैं पूरी सर्दियों तक ये स्थिति बनी रहने की संभावना है।
चीन को घेरने में लगा भारत
रक्षा मंत्रालय चीन को घेरने में लग चुकी है। भारत ने अमेरिका के साथ बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन(BECA) समझौता किया है। इसके तहत भारत और अमेरिका सवेंदनशील सूचनाओं को एक दूसरे से साझा करेंगे। इससे भारत को उपग्रहों के गोपनीय आकड़े मिल पाएंगे। भारत अमेरिका से पहले ही लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट कर चुका है। इसके तहत आवश्यकता होने पर भारत और अमेरिका वैश्विक स्तर पर एक दूसरे के सैन्य तंत्रो को उपयोग में ला सकते हैं।
सिमा पर बुनियादी संरचना को मिली मजबूती
इस सके रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा से लगे 44 पुलों का उद्धघाटन किया था। कि जिससे जवानों को सहूलियत हो सके। इन 44 में से 10 जम्मू कश्मीर, 8 अरुणाचल प्रदेश, 8 उत्तराखंड, 7 लद्दाख, 4 पंजाब और 4 सिक्किम में हैं।
अटल सुरंग का 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। यह सुरंग दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग है। यह सुरंग पहाड़ को काटकर कर बनाया गया है इसे बनाने में 3300 करोड़ की लागत आई है। इस सुरंग के रास्ते भारतीय सेना के लिए जरूरी सामान जैसे खाद्य सामग्री, हथियार और सुरक्षा से जुड़े सामान को तेजी से पहुँचाया जा सकेगा। इस सुरंग से मनाली और लेह की यात्रा में आसानी होगी। यह सुरंग की लम्बाई 9.02 किलोमीटर है। यह सुरंग मनाली को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़ती है।
●इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है।
●इसकी चौड़ाई 10 मीटर है।
●हिमालय के पीर पंजाल पर्वत के ऊपर में निर्मित है।
●समुद्र तल से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर आधुनिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
●इस सुरंग से एक बार में 300 छोटे वाहन और 1500 ट्रक गुजर सकते हैं।
●इस सुरंग के अंदर वाहनों की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घण्टा होगी।
रक्षा खरीद की पौलिसी में कुछ तब्दीलीयां
सरकार द्वारा रक्षा खरीद नीति में कुछ तब्दीलियां की गई है। सरकार ने 101 रक्षा सामानों की विदेश से खरीद पर रोक लगा दी। कुछ रक्षा उपकरणों को लीज पर लेने की मंजूरी दे दी गई। पांच भागों में होने वाली खरीद में से चार में देशी कंपोनेंट बढ़ाये गए हैं।
महिला अफसरों को मिला स्थाई कमीशन
सरकार ने इस साल महिला सैन्य अधिकारियों की स्थाई कमीशन की मांग पर मुहर लगा दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। सरकार ने सेना के सभी दस इकाइयों में आर्मी, एयर डिफेंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग,ऑर्डिनेंस कॉर्पस, इंटेलिजेंस कोर, आर्मी सर्विस कोर, सैन्य एविएशन, इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक और सिग्नल में स्थाई कमीशन लागू कर दिया है। अब एसएससी के जरिये भर्ती होने वाली महिला अफसरों रिटायरमेंट तक नौकरी कर सकेंगी और पेंशन का लाभ भी ले पाएंगी। पहले इन महिला अधिकारियों को 5 साल के लिए भर्ती किया जाता था जिसे अधिकतम 14 सालों तक बढ़ाया जा सकता था।
वायु सेना की क्षमता में वृद्धि
इस साल वायुसेना को राफेल,अपाचे हेलीकॉप्टर, चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल किए गए हैं। इन हेलीकॉप्टर की मदद से ऊंचे इलाकों में युद्ध किया जा सकता है। अब तक 8 राफेल, 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं।
इस में कोई संदेह नहीं कि इन्हें चीन और पाकिस्तान सीमा पे तैनात किया गया है। वायु सेना की ताकत में बढ़ोतरी के लिए रूस से 21 मिग-29, 12 सुखोई-30 की खरीद को मंजूरी दी गई है। 38900 करोड़ की लागत से 59 मिग-29 अपग्रेड किये जायेंगे। वायुसेना के लिए 102 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट हिदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीदे जाएंगे। सेना के लिए अलग से और चिनूक हेलीकॉप्टर खरीद को मंजूरी दी गई है।
2021 में और मजबूत होगी सैन्य शक्ति
एस-400 मिसाइल टेक्नोलॉजी
भारत रूस से 31 फाइटर जेट की खरीद कर रहा है। रूस से अगले साल नवंबर से पहले भारत को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें एस-400 मिल जाएंगी। इसके अलावा भारत-रूस संयुक्त आयोजन भारतीय सशस्त्र बलों के लिए 200 कामोव केए-226टी युद्धक हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करेगा।
होवित्जर तोप
भारतीय सेना में जल्द ही स्वदेशी अर्टलरी गन सिस्टम वाला 'होवित्जर तोप' मिलने वाला है। डीआरडीओ के अनुसार यह अर्टलरी गन सिस्टम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। यह 48 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है।
अमेरिका और इजरायल से मिलने वाले ड्रोन
अमेरिका से मिलने वाले मिनी ड्रोन बटालियन स्तर पर के सैनिकों को दिये जाएंगे इससे खास जगहों का पता लगाने में आसानी होगी। इजरायल से मिलने वाली ड्रोन 'हीरोन' अगले साल के अंत तक मिलने की संभावना है। इसे लद्दाख सीमा पे तैनात किया जाना है।
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