शिकरगंज थाना क्षेत्र के चमही गाँव में 7 मई को जमीनी विवाद को लेकर यमुना तिवारी के परिजनों पर जानलेवा हमला किया गया. जिसमें उनके पुत्र सुरेंद्र तिवारी के सर पर खंती से वार किया. जिसमें उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि पटना में ब्रेन का ऑपरेशन कराना पड़ा. उनके छोटे पुत्र उपेंद्र तिवारी का मार का हाथ तोड़ दिया गया. घर के महिलाओं से भी दुर्व्यवहार और मारपीट हुआ.
मारपीट मामले में ध्रुपनारायण तिवारी, मुन्नी देवी, सोनू तिवारी, सुमन तिवारी, खुसिन्द्र तिवारी, कृष्णदेव तिवारी, लक्ष्मी देवी और राकेश तिवारी मुख्य आरोपी है. अफसोसजनक स्थिति यह है की शिकरगंज थाना अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. इस पूरे मामले में प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठता है.
सवाल के घेरे में शिकरगंज थाना इसलिए और भी है की अगर अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई तो कुर्की की कार्यवाई में देरी क्यों हो रही है ?
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